60 लाख 37 हजार लोगों को मिलेगा खाद्यान्न

हल्द्वानी। फूड सिक्योरिटी एक्ट में उत्तराखंड में 60 लाख 37 हजार उपभोक्ता सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दायरे में आएंगे। इसमें 15 हजार रुपये से अधिक मासिक आमदनी वाले उपभोक्ता शामिल नहीं होंगे। खाद्यान्न वितरण के लिए मासिक आय का मानक निर्धारित होने के बाद नए सिरे से उपभोक्ताओं के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शहरी क्षेत्र में नगर निकाय और ग्रामीण इलाकों में ब्लाक स्तर से पात्र लोगों को चिह्नित किया जाएगा। सब्सिडी के खाद्यान्न के दायरे में आने वाले उपभोक्ताओं को तहसीलों से जारी आय प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से देना होगा।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वर्तमान में सभी कार्ड धारकों को सब्सिडी का राशन जारी होता है। खुले बाजार से महंगा खाद्यान्न खरीदकर सब्सिडी में उपभोक्ताओं को बांटने से सरकारी खजाने में प्रतिमाह करोड़ों रुपये का आर्थिक बोझ बढ़ता है। केंद्र सरकार फूड सिक्योरिटी एक्ट में सब्सिडी के राशन को केवल जरूरतमंदों तक पहुंचाने का प्रयास करने जा रही है। नई व्यवस्था में अमीर तबका सब्सिडी के राशन से बाहर हो जाएगा और गरीबों को ज्यादा और सस्ता अनाज मिल सकेगा।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी के मुताबिक उत्तराखंड में 60 लाख 37 हजार उपभोक्ता सब्सिडी के खाद्यान्न के दायरे में आएंगे। इसमें 43 लाख 61 हजार ग्रामीण और 16 लाख 76 हजार शहरी उपभोक्ता शामिल होंगे। पात्र परिवारों में प्रति यूनिट पांच किलो खाद्यान्न (दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल) मिलेगा। गेहूं दो रुपये और चावल तीन रुपये किलो दिया जाएगा। अंत्योदय परिवारों को पूर्व की भांति 35 किलोग्राम राशन दिया जाएगा। इसमें 15 किलो गेहूं और 20 किलो चावल शामिल है। राधा रतूड़ी ने कहा कि शासनादेश लागू होने की तिथि से एक माह के अंतराल में सभी जिलों से पात्र परिवारों की सूची शासन को भेजी जाएगी।
हल्द्वानी में नगरनिगम और ब्लाक स्तर पर नए सिरे से उपभोक्ताओं के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नई व्यवस्था में परिवार की मुखिया महिला होगी और उसी के नाम से राशन कार्ड जारी होगा। मुख्य नगर अधिकारी आरडी पालीवाल ने बताया कि सर्वे की प्रक्रिया के साथ पात्र लोगों को मासिक आय का प्रमाण पत्र देना होगा। तहसील से जारी प्रमाण पत्र ही मान्य होगा।

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